नजीबाबाद से सपना वर्मा की रिपोर्ट✍️
बिजनौर:-
सनातन इतिहास के पन्नों को पलटते हुए आज जाहरवीर चौहान के स्थान दारानगर गंज पहुंचे बाबा फुलसंदे वालों ने बताया की जाहरवीर जी की नंनसाल रेहड़ में है। जिसे पहले सिरसा पाटन बोलते थे जो कि जिला बिजनौर में है। जाहर वीर के पिता का नाम जेवर सिंह व माता का नाम वाछल था। माता बाछल ने अपने गुरु गोरखनाथ की 12 साल सेवा की और गुरु गोरखनाथ ने वाछल को प्रसाद के रूप में मुगल दी जिसके स्वरूप उन्हें एक पुत्र जाहरवीर की प्राप्ति हुई। जाहरवीर जी का जन्म ददरेवा राजस्थान में हुआ। जाहरवीर जी ने सामाजिक, समरसता, सनातन धर्म की रक्षा के लिए करते रहे। जाहरवीर जी पदम नाम के अवतार हुए हैं। जाहरवीर क्षत्री चौहान के माता-पिता ने दारानगर गंज में गुरु गोरखनाथ जी की पूजा की थी। यह स्थान सिद्ध स्थल जाहरवीर जी का कहलाता है। इस स्थान को जाहरवीर की माटी कहते हैं। इस अवसर पर सत्यवीर चौधरी, ललित चौधरी, राहुल देवता, दानी जी, धनपति जी, सोहंग देवता आदि मौजूद रहे
वही बाबा फुलसंदे वालों ने भारत सरकार से अपील की है कि हमारे पूर्वजों के स्थलों को संरक्षित व पोषण करना चाहिए। जिससे आने वाली पीढ़ियां अपने इतिहास को जान सके।