सहारनपुर से मुकेश शर्मा की रिपोर्ट
सखि तुम अब बहुत खूबसूरत हो गई,
तुम्हारे चेहरे पर अनुभवों की आभा जो झलक रही,
तुम जीवन के मृदु-कटु अनुभवों को अपने भीतर समाना सीख गई,
सखि तुम अब बहुत खूबसूरत हो गई,
तुम जान गई जीवन जीने के तरीके,
परेशानियों में खुश रहने के सलीके,
छोटी-छोटी बातों पर रूठना मनाना,
आज मुस्कुराने के तू सारे गुर सीख गई,
सखि तुम अब बहुत खूबसूरत हो गई,
तुमने पहचान लिए दुनिया के बहु रंग,
इनमे कहीं धूप तो कहीं छांव है संग,
तू अपने आप में ही जीना सीख गई,
बिखर के भी तू और भी निखर गई,
सखि तुम अब बहुत खूबसूरत हो गई,
सखि तुम अब बहुत खूबसूरत हो गई।