नहटौर से सनी कुमार के अनुसार
भारत सरकार और राज्य सरकार चाहे जितने भी नियम और कानून क्यों न बना ले पर जब तक सरकारी कर्मचारी उन नियमो का पालन खुद नही करेंगे तो तब तक महामारी करोना वायरस जैसी भयानक बीमारी को निजात नही दिलाया जा सकता है।
ऐसा ही कुछ मामला नहटौर पुलिस प्रशासन का भी सामने आया।
नहटौर पुलिस प्रशासन भी इतनी बेरहम हो गया। जिसका कोई कहना नही नहटौर विकास खण्ड में तैनात पुलिस कर्मियों ने बहुत ही बुरा बर्ताव किया। विकास खण्ड मे एक गर्भ वती महिला चुनावी प्रत्याशी कुछ जानकरी लेने के लिए विकास खण्ड मे जा रही थी गर्भ वती महिला प्रत्याशी महिला के पास फेस मास्क नही था तो महिला प्रत्याशी ने फेस मास्क की जगह अपना दुपट्टा अपने चेहरे पर बांध रखा था। वहा पर तैनात महिला पुलिस कर्मी और पुरुष पुलिस कर्मियों ने फेस मास्क चेकिंग अभियान चला रखा था जब महिला प्रत्याशी ने विकास खण्ड मे अन्दर जाने को बोला तो वहा पर तैनात पुलिस कर्मियों ने कहा की आप अन्दर नही जा सकती हो क्योंकि आप ने फेस मास्क नही लगा रखा है। पहले आप फेस मास्क लगाओ तो महिला ने बोला की मेरा फेस मास्क रास्ते में गिर गया है। जिसके जगह पर मैंने अपना दुपट्टा लगा रखा है तो पुलिस कर्मियों ने गर्भवती महिला की एक भी नही सुनी और बोल दिया की आप वापस मार्किट जाओ और पहले मास्क लगाओ और तब आना मार्किट की दुरी लगभग एक किलोमीटर थी और समय भी दोपहर का था तो महिला प्रत्याशी ने कहा की मे गर्भवती महिला हूँ। मैं इतना लम्बा नही पैदल नही चल सकती आप मुझे अन्दर जाने दे तो वहा पर तेनात पुलिस कर्मियों ने बोला की पहले आप मार्किट से फेस मास्क खरीदो और तब आना तो गर्भ वती महिला विकास खण्ड से वापस मार्किट में लगभग एक किलोमीटर दूर पैदल चल कर पहले फेस मास्क लेकर आई और फिर विकास खण्ड के अन्दर को जेसे ही चली तो महिला ने पुलिस कर्मियों से कहा की आप भी अपना फेस मास्क लगाओ नियम तो सब के लिए एक ही है। विकास खण्ड पर तैनात पुलिस कर्मियों ने फेस मास्क नही लगा रखा था तो उन पुलिस कर्मियों ने कहा की हम नही लगायेगे जो करना है आप को कर लो ये पुलिस कर्मियों ने उस महिला को जबाब दिया।
अगर कानून के बनाये हुये नियमो का पुलिस प्रशासन ही उल्लंघन करेगा तो बेचारी आम जनता क्या करेगी। पीडित महिला यह घटना एस पी साहब के संज्ञान में डाल रही है कि पुलिस कर्मियों पर भी शिकंजा कसा जाये।