श्री औदुमपुर समाज द्वारा भागवत कथा के समापन समारोह के बाद शिप्रा नदी के तट पर जवारे को नदी में सिलाया

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मध्य प्रदेश प्रभारी, अनुराधा शर्मा की रिपोर्ट

श्री औदुम्बर ब्राह्मण महासभा इंदौर द्वारा पितरों की स्मृति मे भगवत कृपा से श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया गया। प्रभु की विशेष अनुकंपा से ही यह आयोजन सफल रहा है।
परम आदरणीय भागवताचार्य डॉ दीपेश पाठक जगदीश्वर धाम आष्टा के मुखारविंद से कथा एक निर्झर की तरह प्रवाहित हो रही थी …. इसी प्रकार नगर पुरोहित आष्टा मनीष पाठक द्वारा कथा में कहे जा रहे प्रसंगो का विशेष वर्णन हृदय को निरंतर आनंद प्रधान करता रहा है…. आप दोनों का सम्मान करते हुए आपके श्री चरणों में प्रणाम करते हुए हृदय पुष्प समर्पित करता हूं।
कथा श्रवण करने हेतु इंदौर, देवास, उज्जैन,बड़नगर , तिल्लोर , इटारसी , रतलाम , मंदसौर , नीमच , राऊ, रंगवासा, देपालपुर, सोनकच्छ आदि स्थानों से समाजजन धर्मशाला भवन में पधारे देश विदेश में हजारों समाज बंधुओ ने यूट्यूब पर कथा का लाइव श्रवण करते हुए प्रभु का प्रसाद पाया।
महासभा इंदौर की प्रबंध कार्यकारिणी समिति के समस्त पदाधिकारी एवं सदस्यों ने एकजुट होकर भागवत कथा के लिए प्रयास किया।
अखिल भारतीय औदुम्बर ब्राह्मण महासंघ, वरिष्ठ नागरिक मंच, महिला मंडल ,नवयुवक मंडल, हरि औदुम्बर रामायण मंडल, औदुम्बर वाणी, औदुम्बर उद्घोष सभी सहयोगी संस्थाओं का आभार व्यक्त किया।
सोशल मीडिया एवं प्रिंट मीडिया का आभार श्रीमद् भागवत कथा के आयोजन में परोक्ष अपरोक्ष रूप से सहयोग देने वाले सभी मित्र जनों तथा साथियों का आभार व्यक्त किया गया।
आभार दानदाताओं का????????
*एक बार पुनः परमपिता परमेश्वर, गिरिराज धरण, कृष्ण कन्हैया लाल, भगवान श्री कृष्ण का वंदन जिनकी कृपा से श्रीमद् भागवत कथा का यह पुनीत कार्य पूर्ण हो सका। सप्तदिवसीय श्रीमद्भागवत के दौरान पूरे सातों दिन इंदौर महासभा के अध्यक्ष श्री आशुतोष शर्मा सपत्निक श्रीमती वंदना शर्मा के साथ प्रतिदिन धर्मशाला में विधिविधान से भागवताचार्य पंडित दीपेश पाठक , पंडित मनीष पाठक और पंडित मयंक जोशी के सानिध्य में पूजा पाठ की जाती थी । पूजाविधि में इन सात दिनों में गेंहू के जवारे भी बोए गए थे। आशुतोष शर्मा एवं वंदना शर्मा सात दिनों के जवारे को पूर्ण भक्तिभाव एवं पूजा अर्चना के साथ पावन पुण्य क्षिप्रा नदी के तट पर पहुंच कर पूरे औदुम्बर ब्राह्मण समाज एवं राष्ट्र के लिए मंगलकामना करते हुए प्रवाहित किया ।
जयंती(ज्वारे) एक धार्मिक प्रतीक है जो श्रीमद् भागवत कथा के दौरान स्थापित किया जाता है। यह एक प्रकार का झंडा या ध्वज होता है जो कथा के दौरान भगवान को समर्पित किया जाता है।

वेब पोर्टल चैनल इन चीफ विनोद शर्मा

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