नजीबाबाद गीता गजल संगम एकेडमी के तत्वाधान में आयोजित मुशायरे में पत्रकार शायर डॉक्टर आफताब नोमानी के चौथे काव्य संग्रह गुफ्तगू गजल का विमोचन किया गया। इस अवसर पर शायरों ने उम्दा कलाम पेश कर खूब वाहवाही लूटी

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नजीबाबाद से सपना वर्मा की रिपोर्ट✍️

नजीबाबाद गीता गजल संगम एकेडमी के तत्वाधान में आयोजित मुशायरे में पत्रकार शायर डॉक्टर आफताब नोमानी के चौथे काव्य संग्रह गुफ्तगू गजल का विमोचन किया गया। इस अवसर पर शायरों ने उम्दा कलाम पेश कर खूब वाहवाही लूटी।
कृष्णा चौक पर अब्दुर्रहमान कॉम्प्लेक्स में आयोजित विमोचन समारोह, मुशायरे में डॉ,आफताब नोमानी के चौथे काव्य संग्रह गुफ्तगू गजल,का विमोचन समाजसेवी डॉ राजीव अरोड़ा, हाजी नौशाद अख्तर सैफी, प्रसिद्ध शायर महेंद्र अश्क, शनावर किरतपुर अनीस विशाल अंसारी ,हाजी शमशुल इस्लाम ने संयुक्त रुप से किया।
महेंद्र अश्क ने बताया कि डॉक्टर नोमानी के चार काव्य संग्रह मंजर ऐ आम पर आ चुके हैं। जिनमें अफताबे नजीबाबाद , लफ्ज़ लफ्ज़ आफताब, शीर्षक, और गुफ्तगू गजल से है। अदब में उनका यह बात बड़ा कारनामा है।
शनावर किरतपुरी ने डॉक्टर आफताब नोमानी की अदबी खिदमत पर रोशनी डालते हुए कहा कि डॉक्टर नोमानी उर्दू अदब की बेपनाह खिदमत कर रहे हैं, जो कि बहुत ही सराहनीय है। उन्होंने उनकी किताब को खरीद कर पढ़ने पर जोर दिया।
समाजसेवी हाजी नौशाद अख्तर ने कहा कि जो लोग उर्दू अदब की खिदमत कर रहे हैं। उनकी खिदमत को सराहना चाहिए उन्होंने कहा कि अदीबो फनकारों को सहयोग देने के लिए हमेशा तैयार हैं। उन्होंने डॉक्टर नोमानी के काव्य संग्रह के प्रकाशन पर उन्हें मुबारकबाद दी।
महेंद्र अश्क की सरपरस्ती डॉ राजीव अरोड़ा की सदारत व मेहताब खान चांद कारी शाकिर रिजवी के संचालन में आयोजित विमोचन समारोह व मुशायरे का आगाज अख्तर मुल्तानी की नाते पाक से हुआ।
इस अवसर पर आकाशवाणी कलाकार संग्रहालय सनवर अली खा व शाहरुख खान ने गजलें पेश की।
शनॉवर किरतपुरी ने कहा,,
तुम्हारे जैसा जैसा कोई आ गया था महफिल में
हम हंसते-हंसते अचानक उदास लगने लगे।
महेंद्र अश्क ने कहा
मुद्दतों बाद मुझे मुझसे मिला था कोई।
उसकी दीवार के साए में खड़ा था कोई।
डॉ आफताब नोमानी ने कहा
मैं तो चुप था मगर एक दीवार पर
उसकी तस्वीर कुछ बोलती ही रही।
शाहिद अंजुम ने कहा
जिंदगी एक रेत की दीवार है।
क्या भरोसा रेत की दीवार का।
इम्तियाज अजहर ने कहा
किसी के दर्द को दिल में बसा के आया हूं।
लबों पर अपने तबस्सुम सजा के आया हूं।
डॉक्टर इलियास अंसारी ने कहा
तरक्की उनकी बतला रही है।
अदब से दूर होती जा रही है।
डॉ, एहताशाम तिशना ने कहा
सर में शहीद दर्द था काफूर हो गया
मां ने नजर उतारी मर्ज दूर हो गया।
कुमार मोनू रुबा ने कहा
वह एक बार गिरा था मेरी निगाहों से।
तमाम उम्र संभालता दिखाई नहीं दिया
इनके अलावा इनके अलावा कारी शाकिर रिज़वी,अशरफ शैरकोटी, शादाब मुल्तानी ,डॉक्टर नसीम अहमद, तिलक राज ज्ञानेश्वर सुहैल शाहब शमशी ,नदीम साहिल उबेद अहमद बहार आलम, सैयद अहमद ,ने भी अपना कलाम पेश कर खूब वाहवाही लूटी। इस अवसर पर अनिल कुमार , शहजाद नोमानी इरफान अंसारी,शादाब नोमानी,आदि मोजूद रहे।

वेब पोर्टल चैनल इन चीफ विनोद शर्मा

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