परमात्मा ने यह सृष्टि और मनुष्य का निर्माण केवल प्यार करने के लिए किया है। अतः सभी में ईश्वर का रूप देते हुए प्रेम से जीवन जीना है यही मनुष्य जीवन का मुख्य लक्ष्य है उक्त उद्गार सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने चांदपुर में आयोजित संत निरंकारी मिशन के तीन दिवसीय वार्षिक समागम में कहे

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चैनल चीफ विनोद शर्मा की रिपोर्ट✍️

परमात्मा ने यह सृष्टि और मनुष्य का निर्माण केवल प्यार करने के लिए किया है। अतः सभी में ईश्वर का रूप देखते हुए प्रेम से जीवन जीना हैं। यही मनुष्य जीवन का मुख्य लक्ष्य है ।
उक्त उद्गार सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने 27 नवंबर को वर्चुअल रूप में आयोजित संत निरंकारी मिशन के तीन दिवसीय 74 वें वार्षिक निरंकारी संत समागम के शुभारंभ पर मानवता के नाम संदेश में व्यक्त किए। हरियाणा समालखा और गन्नौर के बीच जीटी रोड पर स्थित संत निरंकारी आध्यात्मिक स्थल से इस संत समागम का सीधा प्रसारण किया जा रहा है। जिसका आनंद भारतवर्ष के दूर दराज में बसे हुए लाखों निरंकारी श्रद्धालु भक्त एवं प्रेमी सज्जनों द्वारा मिशन की वेबसाइट तथा साधना टीवी चैनल के माध्यम से लिया जा रहा है। सतगुरु माता ने कहा कि कोरोना ने मानव को रोजमर्रा की जिंदगी में निस्वार्थ भाव से एक दूसरे पर विश्वास करना सिखाया। हम सभी के अंदर इस परमात्मा को देखते हुए दूसरे का सत्कार करें नर सेवा नारायण सेवा का भाव रखें। तो यही परम धर्म है हमें जागृत रहना है। और ध्यान रखना है कि इस धरती से जब जाएं तो इसे पहले से बेहतर छोड़कर जाएं। सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज स्थल पर आगमन होते ही संत निरंकारी मंडल एवं केंद्रीय योजना एवं सलाहकार बोर्ड के वरिष्ठ सदस्यों ने उनका हार्दिक स्वागत किया। संत समागम के दूसरे दिन 28 नवंबर को 12 बजे से 2बजे तक सेवा दल रैली का आयोजन किया गया उसके उपरांत शाम के समय सत्संग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। तथा बाद में जिसमें बहुभाषी कवि सम्मेलन आकर्षण रहा। इस अवसर पर अनेक श्रद्धालु गण मौजूद रहे।

वेब पोर्टल चैनल इन चीफ विनोद शर्मा

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