उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश उपाध्यक्ष अरुण वर्मा ने जीएसटी टैक्स स्लैब में 7% की वृद्धि को व्यापारियों को नहीं बताया स्वीकार

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स्योहारा से संजय शर्मा की रिपोर्ट✍️

प्रेस वार्ता में उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश उपाध्यक्ष अरुण वर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा जी एस टी के टैक्स स्लैब मे अप्रत्याशित 7 प्रतिशत की वृद्धि देश के 7 करोड़ व्यापारियों को स्वीकार नहीं है । अरुण वर्मा ने चेतावनी देते हुये कहा कि 5 प्रतिशत से 12 प्रतिशत की वृद्धि अगर सरकार द्वारा इस निर्णय को वापिस न लिया गया तो देश का 7 करोड व्यापारी आदोंलन की राह पर चलने को बाध्य होगा। 7 प्रतिशत की वृध्दि ना तो व्यापारियों के हित में है और न ही ग्राहक के हित में पिछले 1 वर्ष में सरकार की व्यापार विरोधी नितियों के कारण कच्चे माल में 30 प्रतिशत से 40 प्रतिशत तक की वृध्दि हुई है जिस कारण महंगाई बढ़ी है ,और अब 7 प्रतिशत की वृध्दि व्यापारियो व आम नागरिक की कमर तोड़ने का काम करेगी।पिछले लगभग 2.5 वर्ष से कोरोना के कारण व्यापारी अपने व्यापार को बचाने के लिये कठिन परिश्रम और संघर्षकर रहा है, ऐसे विकट समय में सरकार को
व्यापारियो के लिये सहयोगात्मक निर्णय लेने चाहिये पर इसके विपरीत सरकार व्यापारियों के अहित के लिये कानून बनाने का कार्य कर रही है। व्यापारी इस देश की आर्थिक रीढ़ है और अगर देश का व्यापार नही बचेगा तो न सरकार बचेगी और न देश बचेगा।
उन्होंने सरकार के इस व्यापारी विरोधी निर्णय को चेताते हुये कहा कि सरकार अभिलंब इस निर्णय को पुनः समीक्षा करते हुये इस निर्णय को वापिस ले अन्यथा हमारे देश का व्यापारी आने वाले चुनाव में वोट देने के लिए उसको सोचना पड़ेगा क्योंकि पिछली सरकारों में कपड़े पर कोई टैक्स नहीं था सरकार को चाहिए कि ऐसे कपड़ों पर टैक्स लगाया जो संपन्न लोग फेशन के लोग इसका उपयोग करते हैं ना की किसी गरीब परिवार पर। अरुण वर्मा ने कहा कि कफ़न को भी सरकार को टैक्स मुक्त करना चाहिए।

वेब पोर्टल चैनल इन चीफ विनोद शर्मा

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