नजीबाबाद से सपना वर्मा की रिपोर्ट✍️
शुक्रवार की रात प्राचीन मां काली के मंदिर में सहानपुर नदी पार उस वक्त आग लग गई जब वहां मंदिर में कोई नहीं था। मां काली की प्रतिमा में आग लगने से आग की लपटें फैलने लगी। आग की लपटें काफी तेज थी आग की लपटें मंदिर के ओखलो में से बाहर निकलने लगी तब वहां पर आए पंडित ने देखकर मंदिर के पुजारी बलराज व उसकी पत्नी को फोन किया फोन सुनकर तुरंत घर से मंदिर पंडित बलराज व उनकी पत्नी मिथिलेश तथा बेटा लक्की पंडित तुरंत मंदिर आए वहां आकर उन्होंने देखा कि मां काली के मंदिर में मां काली की प्रतिमा में आग लगी हुई है। और उनके सारे वस्त्र तथा आभूषण जले हुए हैं ऐसा देखकर उन्होंने उनके शरीर से जो वस्त्र जलकर चिपक गए थे उन्हें रात में अगले दिन शनिवार होने की कारण रात में ही उन्हें बाजार से दूध दही घी शहद तथा गंगाजल मंगाकर स्नान कराया। शनिवार के दिन भारी मात्रा में भीड़ होने के कारण रात में काली मां के मंदिर को साफ किया तथा मां को तैयार किया।
मां काली के मंदिर के पुजारी बलराज व उनकी पत्नी का कहना है कि हमने रात में ही कुटुम परिवार वालों को मां की प्रतिमा व मंदिर में आग लगने की सूचना दी थी मगर किसी ने भी मंदिर में आने की या खबर लेने की कोशिश नहीं की।
मां काली के मंदिर के पंडित बलराज व उनकी पत्नी का यह भी कहना है कि किसी ने जान बूझकर मां काली के मंदिर में आग लगाई है।