स्योहारा में मुल्क व कौम के लिए उठे सैकड़ों हाथ मस्जिद घोसिया में कुरआने पाक हुआ मुकम्मल

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स्योहारा से संजय शर्मा की रिपोर्ट✍️

स्योहारा घोसिया मस्जिद में तरावीह के दौरान कुरआने पाक
मुकम्मल हुआ। जिसमें डॉक्टर फारुख कदरी सोहेल कादरी इमरान सिद्दीकी हकीम रईस शकील सिद्दीकी जावेद सैफी काशिफ सिद्दीकी हाजी परवेज वह मुख्तलिफ लोगों ने
नमाजे तरावीह अदा की। इस दौरान हाफिज मोहम्मद नाजिम ने कुरआन सुनाया जबकि हाफिज फिरासत साहब ने कुरान सुना व
मुल्क व कौम में अमन व तरक्की के लिए दुआ करायी। रमजान
मुबारक के 26 वे रोजे को नगर कि मस्जिद घोसिया में कुरआने पाक मुकम्मल हुआ। इस कुरआने पाक को हाफिज मोहम्मद नाजिम ने सुनाया। नमाजियों को खिताब करते हाफिज फिरासत साहब ने कहा कि इस मुबारक महीने में तौबा के दरवाजे खोल दिये जाते हैं। अल्लाह तआला अपने नेक बन्दों को बार बार तौबा करने का मौका देता है मगर फिर भी हम
अल्लाह की इबादत से दूर होते जा रहे हैं। तौबा के बाद इंसान
को गुनाह से दूरहो जाना चाहिए। अल्लाह तआला इस पाक व
मुबारक महीने में जन्नत के दरवाजे खोल देता है। रमजान का
महीना अल्लाह तआला का महीना है। उन्होंने रमजान माह की
बरकतों पर रौशनी डालते हाफिज फिरासत ने कहा कि
इस महीने में बुराई भी अच्छाई में बदल जाती है। कुरआने पाक जो
कि दुनिया के लिए एक मुकम्मल हिदायत लेकर आया है हमें उसे
सोच समझकर एक-एक अल्फाज को ठहरकर सअर्थ पढ़ना चाहिए।
भले से हम ज्यादा न पढ़कर कम ही क्यों न पढ़ें। क्योंकि कुरआन को
समझकर पढ़ना अफजल है और साथ-साथ हमें उसका तुर्जमा भी
पढ़ना चाहिए। जिससे कि हम उसकी हकीकत से आशना हो सकें।उन्होंने कहा कि रमजान में हर नेकी का सवाब 70 नेकियों के बराबर मिलता है और इस महीने में इबादत करने पर 70 गुना सवाब हासिल होता है। रमजान के मुबारक महीने में अल्लाह शैतान को कैद कर देता है। रोजा रखने से इंसान का जमीर इतना रौशन हो जाता है कि वह हर तरह की बुराई से किनारा कर लेता है। उसके दिल में इंसानियत के लिए खिदमत करने का वह जज्बा पैदा हो जाता है जो इंसान को नेक रास्ते पर ले जाता है।

वेब पोर्टल चैनल इन चीफ विनोद शर्मा

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