अंधेर नगरी के चौपट राजा ने जनता से मनवाई अपनी बात, गधे को घोड़ा मनवाया

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सहारनपुर से मुकेश शर्मा की रिपोर्ट

अंधेर नगरी चौपट राजा वाली कहावत बीते ज़माने की है। अँधेर नगरी का राज जब चौपट राजा के हाथ आया तो उसने अपनी जनता का मन टटोलने के लिए कुछ दिन बाद एक खुले मैदान में जनता दरबार लगाया। फिर उसने अपने मंत्री के कान में कुछ कहा। मंत्री तुरंत वहां से पास में लगाए हुए एक तंबू के अंदर गया और फिर उस तंबू से एक गधे को हाँकते हुए बाहर आया।
जैसे ही मंत्री उस गधे को लेकर राजा के पास पहुंचा, राजा ने उसे पुचकारते हुए ऊंची आवाज में जनता से कहा, ” आज से हम सुबह की सवारी इस नायाब घोड़े पर किया करेंगे। आप लोगों की इस घोड़े के बारे में क्या राय है ? ”
जनता के बीच से एक आदमी बोला, ” महाराज, घोड़े तो मैंने कई तरह के देखे हैं लेकिन आपकी कृपा से अरबी नस्ल का ऐसा सुंदर घोड़ा पहली बार देखा है।” उस आदमी की बात को सुनकर दूसरा आदमी बोला, ” भैय्या, ये अरबी नहीं, जिप्सी नस्ल का घोड़ा है जिसे महाराज ने बहुत सोच – विचार करके चुना है। ” दूसरे आदमी की बात सुनकर जनता के बीच वाद – विवाद शुरू हो गया। कोई उस गधे को अमेरिकन तो कोई बेल्जियन तो कोई मंगोलियन घोड़ा बता रहा था। उनकी बातें सुनकर चौपट राजा समझ गया कि इस नगरी में वह जो चाहेगा, वैसा कर पाएगा।

वेब पोर्टल चैनल इन चीफ विनोद शर्मा

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